International Journal of Literacy and Education
2022, Vol. 2, Issue 1, Part A
आधुनिक भारत के संदर्भ में डाॅ. राधाकृष्णन् के शैक्षिक दर्शन की प्रासंगिकता
Author(s): मृदुला कुमारी भगत
Abstract: वर्ष 2010 में एम. एड. करने के पश्चात् मेरे अन्तर्मन में शोध कार्य करने की जिज्ञासा उत्पन्न हुई भारत की इस पावन भूमि पर सन्तो, ऋषियों, मनीषियों और शिक्षा विदों ने जन्म लेकर अपनी ज्ञान रश्मि से भारत को ही नहीं वरन सम्पूर्ण संसार को आलोकित किया है। इन्हीं महान दिव्य विमूतियों में एक दिव्य विभूति डाॅ0 सर्वपल्ली राधाकृष्णन् भी हैं। डाॅ0 राधाकृषण् एक सन्त थे, ऋषि थे, मनीषी थे, दार्शनिक थे, शिक्षाविद् थे, राजनीतिज्ञ थे, समाज सुधारक थे और धर्मवेत्ता थे प्रस्तुत शोधकार्य ‘‘आधुनिक भारत के संदर्भ में डाॅ0 राधाकृष्णन के शैक्षिक दर्शन की प्रासंगिकता’’ पर किया गया है। इस शोध कार्य के लिए राधाकृष्णन् जी के दार्शनिक विचारों जैसे दर्शन का अर्थ, तत्व मीमांसा, ज्ञान मीमांसा, धर्म दर्शन का शोधार्थी द्वारा अध्ययन किया गया। इसके साथ-साथ इस शोध कार्य हेतु राधाकृष्णन् जी के शिक्षा दर्शन, शिक्षा की आवश्यकता एवम् महत्व, शिक्षा का अर्थ, शिक्षा का स्वरूप, शिक्षा के उद्देश्य, शिक्षण विधि, पाठ्यक्रम, शिक्षक-शिक्षार्थी, संबंध, अनुशासन, शिक्षा का माध्यम आदि को आधार मानकर विश्लेषण किया गया है। शोधार्थी द्वारा निष्कर्ष रूप में यह देखा गया कि डाॅ0 राधाकृष्णन् जी के शैक्षिक एवम् दार्शनिक विचारों का वत्र्तमान शिक्षा प्रणाली में महत्वपूर्ण भूमिका है।
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मृदुला कुमारी भगत. आधुनिक भारत के संदर्भ में डाॅ. राधाकृष्णन् के शैक्षिक दर्शन की प्रासंगिकता. Int J Literacy Educ 2022;2(1):24-27.