International Journal of Literacy and Education
2022, Vol. 2, Issue 1, Part A
दीनदयाल उपाधà¥à¤¯à¤¾à¤¯ का à¤à¤•à¤¾à¤¤à¥à¤® मानवदरà¥à¤¶à¤¨ à¤à¤µà¤‚ वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ योजनाओं में योगदान
Author(s): मोनिका रानी, डॉ० नवीनता रानी
Abstract: पं० दीनदयाल उपाधà¥à¤¯à¤¾à¤¯ à¤à¤¾à¤°à¤¤ के सबसे ओजसà¥à¤µà¥€, तपसी à¤à¤µà¤‚ कीरà¥à¤¤à¤¿à¤µà¤¾à¤¨ चिंतक रहे हैं। उनके चिंतन के मूल में लोकमंगल à¤à¤µà¤‚ राषà¥à¤Ÿà¥à¤° कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ का à¤à¤¾à¤µ समाविषà¥à¤Ÿ है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने राषà¥à¤Ÿà¥à¤° को धरà¥à¤®â€“ करà¥à¤®, आतà¥à¤®à¤¾â€“संबदà¥à¤§, à¤à¤µà¤‚ सà¤à¥à¤¯à¤¤à¤¾ का सनातन पà¥à¤‚ज बताते हà¥à¤ राजनीति की नई वà¥à¤¯à¤¾à¤–à¥à¤¯à¤¾ को पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤ªà¤¾à¤¦à¤¿à¤¤ किया ।उनकी यह मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾ थी कि यह तथà¥à¤¯ आधारित बोध, सनातन काल से चला आ रहा है। राषà¥à¤Ÿà¥à¤°, समय और दशा के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° उसके अà¤à¤¿à¤µà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤ आकृति में कà¥à¤› अंतर दिखाई अवशà¥à¤¯ दे सकता है, किंतॠउससे कोई नवीन जà¥à¤žà¤¾à¤¨ आविरà¥à¤à¥‚त नहीं होता।à¤à¤¾à¤°à¤¤ में सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤°à¤¤à¤¾ से पूरà¥à¤µ जितने à¤à¥€ आंदोलन हà¥à¤ उसका à¤à¤• ही लकà¥à¤·à¥à¤¯ था–सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤°à¤¤à¤¾ की पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤ आंगà¥à¤²à¤¦à¥‡à¤¶à¥€ के बरà¥à¤¬à¤° पंजों से मां à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€ की आजादी।सà¥à¤µà¤°à¤¾à¤œà¥à¤¯ के उपरांत हमारी दिशा कà¥à¤¯à¤¾ होगी, हम किस मारà¥à¤— से अपने जीवन की सारà¥à¤¥à¤•à¤¤à¤¾ का शà¥à¤°à¥‡à¤·à¥à¤ तम रूप पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ कर सकेंगे, कौन सा à¤à¤¸à¤¾ विचार होगा जो हमारे à¤à¤•à¤¤à¥à¤°à¥€à¤•à¥ƒà¤¤ परिमारà¥à¤œà¤¨ में सहायक सिदà¥à¤§ होगा, किस सिदà¥à¤§à¤¾à¤‚त का विवेचन कर हम वà¥à¤¯à¤·à¥à¤Ÿà¤¿ से समषà¥à¤Ÿà¤¿ के रूप में अपनी खोई हà¥à¤ˆ गरिमा को पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ कर सकेंगे। à¤à¤• विचारणीय परनà¥à¤¤à¥ महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ तथà¥à¤¯ कि कà¥à¤¯à¤¾ होगा यदि यह दरà¥à¤¶à¤¨ जिसके माधà¥à¤¯à¤® से हम अरà¥à¤µà¤¾à¤šà¥€à¤¨ आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾à¤“ं की पूरà¥à¤¤à¤¿ हेतॠपà¥à¤°à¥‡à¤°à¤¿à¤¤ हो à¤à¤µà¤‚ साथ ही अपनी महान सà¤à¥à¤¯à¤¤à¤¾ को à¤à¥€ अविकल रख सकें। इसका अधिक विचार नहीं किया गया।
Pages: 64-68 | Views: 1072 | Downloads: 410Download Full Article: Click Here
How to cite this article:
मोनिका रानी, डॉ० नवीनता रानी. दीनदयाल उपाधà¥à¤¯à¤¾à¤¯ का à¤à¤•à¤¾à¤¤à¥à¤® मानवदरà¥à¤¶à¤¨ à¤à¤µà¤‚ वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ योजनाओं में योगदान. Int J Literacy Educ 2022;2(1):64-68.