P-ISSN: 2789-1607, E-ISSN: 2789-1615
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International Journal of Literacy and Education

2022, Vol. 2, Issue 1, Part B

प्राथमिक शिक्षा का विकास


Author(s): Sarika Kumari and Dr. Ashok Kumar

Abstract: प्राथमिक शिक्षा विकासशील देशों के विकास में अहम भूमिका निभाती है। मानव जीवन में शिक्षा का बहुत महत्व है। शिक्षा के बिना मानव जीवन के विकास की कल्पना करना संभव नहीं है। शिक्षा को प्राथमिक, माध्यमिक, उच्च और विशिष्ट वर्गों में बाँटा गया है। प्राथमिक शिक्षा बालक की भौतिक, मानसिक, सामाजिक भावनात्मक, नैतिक आवश्यकताओं को पूरा करके व्यक्तित्व का विकास करती हैं। यह शिक्षा बालकों में नैतिक गुणों को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं इसके साथ-साथ देशप्रेम की भावना भी जागृत करती हैं। प्रथमिकी शिक्षा आगे की शिक्षा की नींव होती हैं इसलिए इसे मुख्य शिक्षा भी कहते हैं। प्रारंभ में भी दी जाने वाली शिक्षा को प्राथमिक शिक्षा के अन्तर्गत रखा जाता है। अतः प्राथमिक स्कूल में औपचारिक शिक्षा प्राप्त करने से पहले बच्चा जो शिक्षा प्राप्त करते है उसे प्रारंभिक या पूर्व प्राथमिक शिक्षा कहते हैं। आमतौर पर 5 से 11 वर्ष के बीच के बच्चे होते हैं, वे प्राथमिक शिक्षण संस्थान में दाखिला लेते हैं, जहाँ वे ऐसे विषयों या कौशलों को सीखते हैं, जो उनकी स्कूली शिक्षा की बाकी हिस्सों की नींव रहती है। प्राथमिक शिक्षण सस्थान बच्चों को विभिन्न धर्मों, नस्लों और सामाजिक आर्थिक स्थितियों के साथ-साथ विकलांग लोगों से मिलने के अवसर प्रदान करते हैं। इसलिए प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों के पास बच्चें को सहिष्णुता एवं सम्मान के बारे में सिखाने का एक अनूठा अवसर प्राप्त होता है। प्राथमिक शिक्षा स्म्पूर्ण शिक्षा व्यवस्था की आधारशिला है। यह शिक्षा बालक की मूल प्रवृतियों का परिमार्जन कर उसे आदर्श, संस्कारवान तथा संतुलित व्यक्तित्व प्रदान करती है। प्राथमिक शिक्षा मानव जीवन का अभिन्न अंग है। आधुनिक प्रगतिशील युग में प्राथमिक शिक्षा की समुचित व्यवस्था किए बिना कोई भी राष्ट्र प्रगति के स्तर पर नहीं पहुँच सकता प्राथमिक शिक्षा का पतन राष्ट्रीय पतन का संकेत है। इस संदर्भ में स्वामी विवेकानन्द का कथन उल्लेखनीय है- ‘‘मेरे विचार में जन साधारण की अवहेलना महान राष्ट्रीय पाप है तथा हमारे पतन के कारणों में से एक है। सब राजनीति उस समय तक विफल रहेगी, जबतक कि भारत में जन साधारण को एक बार फिर भली प्रकार से शिक्षित नहीं कर लिया जायेगा’’

DOI: 10.22271/27891607.2022.v2.i1b.43

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How to cite this article:
Sarika Kumari, Dr. Ashok Kumar. प्राथमिक शिक्षा का विकास. Int J Literacy Educ 2022;2(1):104-106. DOI: 10.22271/27891607.2022.v2.i1b.43
International Journal of Literacy and Education
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