International Journal of Literacy and Education
2022, Vol. 2, Issue 1, Part B
पà¥à¤°à¤¾à¤¥à¤®à¤¿à¤• शिकà¥à¤·à¤¾ का विकास
Author(s): Sarika Kumari and Dr. Ashok Kumar
Abstract: पà¥à¤°à¤¾à¤¥à¤®à¤¿à¤• शिकà¥à¤·à¤¾ विकासशील देशों के विकास में अहम à¤à¥‚मिका निà¤à¤¾à¤¤à¥€ है। मानव जीवन में शिकà¥à¤·à¤¾ का बहà¥à¤¤ महतà¥à¤µ है। शिकà¥à¤·à¤¾ के बिना मानव जीवन के विकास की कलà¥à¤ªà¤¨à¤¾ करना संà¤à¤µ नहीं है। शिकà¥à¤·à¤¾ को पà¥à¤°à¤¾à¤¥à¤®à¤¿à¤•, माधà¥à¤¯à¤®à¤¿à¤•, उचà¥à¤š और विशिषà¥à¤Ÿ वरà¥à¤—ों में बाà¤à¤Ÿà¤¾ गया है। पà¥à¤°à¤¾à¤¥à¤®à¤¿à¤• शिकà¥à¤·à¤¾ बालक की à¤à¥Œà¤¤à¤¿à¤•, मानसिक, सामाजिक à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤•, नैतिक आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾à¤“ं को पूरा करके वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ का विकास करती हैं। यह शिकà¥à¤·à¤¾ बालकों में नैतिक गà¥à¤£à¥‹à¤‚ को विकसित करने में महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ à¤à¥‚मिका निà¤à¤¾à¤¤à¥€ हैं इसके साथ-साथ देशपà¥à¤°à¥‡à¤® की à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ à¤à¥€ जागृत करती हैं। पà¥à¤°à¤¥à¤®à¤¿à¤•à¥€ शिकà¥à¤·à¤¾ आगे की शिकà¥à¤·à¤¾ की नींव होती हैं इसलिठइसे मà¥à¤–à¥à¤¯ शिकà¥à¤·à¤¾ à¤à¥€ कहते हैं। पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤‚ठमें à¤à¥€ दी जाने वाली शिकà¥à¤·à¤¾ को पà¥à¤°à¤¾à¤¥à¤®à¤¿à¤• शिकà¥à¤·à¤¾ के अनà¥à¤¤à¤°à¥à¤—त रखा जाता है। अतः पà¥à¤°à¤¾à¤¥à¤®à¤¿à¤• सà¥à¤•à¥‚ल में औपचारिक शिकà¥à¤·à¤¾ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करने से पहले बचà¥à¤šà¤¾ जो शिकà¥à¤·à¤¾ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करते है उसे पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤‚à¤à¤¿à¤• या पूरà¥à¤µ पà¥à¤°à¤¾à¤¥à¤®à¤¿à¤• शिकà¥à¤·à¤¾ कहते हैं। आमतौर पर 5 से 11 वरà¥à¤· के बीच के बचà¥à¤šà¥‡ होते हैं, वे पà¥à¤°à¤¾à¤¥à¤®à¤¿à¤• शिकà¥à¤·à¤£ संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ में दाखिला लेते हैं, जहाठवे à¤à¤¸à¥‡ विषयों या कौशलों को सीखते हैं, जो उनकी सà¥à¤•à¥‚ली शिकà¥à¤·à¤¾ की बाकी हिसà¥à¤¸à¥‹à¤‚ की नींव रहती है। पà¥à¤°à¤¾à¤¥à¤®à¤¿à¤• शिकà¥à¤·à¤£ ससà¥à¤¥à¤¾à¤¨ बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ धरà¥à¤®à¥‹à¤‚, नसà¥à¤²à¥‹à¤‚ और सामाजिक आरà¥à¤¥à¤¿à¤• सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के साथ-साथ विकलांग लोगों से मिलने के अवसर पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करते हैं। इसलिठपà¥à¤°à¤¾à¤¥à¤®à¤¿à¤• विदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के शिकà¥à¤·à¤•à¥‹à¤‚ के पास बचà¥à¤šà¥‡à¤‚ को सहिषà¥à¤£à¥à¤¤à¤¾ à¤à¤µà¤‚ समà¥à¤®à¤¾à¤¨ के बारे में सिखाने का à¤à¤• अनूठा अवसर पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ होता है। पà¥à¤°à¤¾à¤¥à¤®à¤¿à¤• शिकà¥à¤·à¤¾ सà¥à¤®à¥à¤ªà¥‚रà¥à¤£ शिकà¥à¤·à¤¾ वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ की आधारशिला है। यह शिकà¥à¤·à¤¾ बालक की मूल पà¥à¤°à¤µà¥ƒà¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का परिमारà¥à¤œà¤¨ कर उसे आदरà¥à¤¶, संसà¥à¤•à¤¾à¤°à¤µà¤¾à¤¨ तथा संतà¥à¤²à¤¿à¤¤ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करती है। पà¥à¤°à¤¾à¤¥à¤®à¤¿à¤• शिकà¥à¤·à¤¾ मानव जीवन का अà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ अंग है। आधà¥à¤¨à¤¿à¤• पà¥à¤°à¤—तिशील यà¥à¤— में पà¥à¤°à¤¾à¤¥à¤®à¤¿à¤• शिकà¥à¤·à¤¾ की समà¥à¤šà¤¿à¤¤ वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ किठबिना कोई à¤à¥€ राषà¥à¤Ÿà¥à¤° पà¥à¤°à¤—ति के सà¥à¤¤à¤° पर नहीं पहà¥à¤à¤š सकता पà¥à¤°à¤¾à¤¥à¤®à¤¿à¤• शिकà¥à¤·à¤¾ का पतन राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ पतन का संकेत है। इस संदरà¥à¤ में सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ विवेकाननà¥à¤¦ का कथन उलà¥à¤²à¥‡à¤–नीय है- ‘‘मेरे विचार में जन साधारण की अवहेलना महान राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ पाप है तथा हमारे पतन के कारणों में से à¤à¤• है। सब राजनीति उस समय तक विफल रहेगी, जबतक कि à¤à¤¾à¤°à¤¤ में जन साधारण को à¤à¤• बार फिर à¤à¤²à¥€ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° से शिकà¥à¤·à¤¿à¤¤ नहीं कर लिया जायेगा’’
DOI: 10.22271/27891607.2022.v2.i1b.43Pages: 104-106 | Views: 1788 | Downloads: 942Download Full Article: Click Here
How to cite this article:
Sarika Kumari, Dr. Ashok Kumar.
पà¥à¤°à¤¾à¤¥à¤®à¤¿à¤• शिकà¥à¤·à¤¾ का विकास. Int J Literacy Educ 2022;2(1):104-106. DOI:
10.22271/27891607.2022.v2.i1b.43