International Journal of Literacy and Education
2022, Vol. 2, Issue 2, Part A
वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤¤à¥à¤µ विकास के लिठयोगशिकà¥à¤·à¤¾
Author(s): डॉ. पà¥à¤°à¤¦à¥€à¤ª कà¥à¤®à¤¾à¤° à¤à¤¾
Abstract: आज के बदलते सामाजिक परिपेकà¥à¤·à¥à¤¯ में वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ का समà¥à¤ªà¥‚रà¥à¤£ विकास à¤à¤• बड़ी चà¥à¤¨à¥Œà¤¤à¥€ हो गई है। बार-बार पाठà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤®à¥‹à¤‚ में परिवरà¥à¤¤à¤¨ करने के बाद à¤à¥€ हम मनà¥à¤°à¥à¤à¤µ (शà¥à¤°à¥‡à¤·à¥à¤ नागरिक) की पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ संकलà¥à¤ªà¤¨à¤¾ को पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करने में सकà¥à¤·à¤® नहीं हो पा रहे हैं छातà¥à¤°à¥‹à¤‚ का à¤à¤•à¤¾à¤™à¥à¤—ी विकास तो हो रहा है परनà¥à¤¤à¥ सरà¥à¤µà¤¾à¤™à¥à¤—ीण नहीं। इसी à¤à¤•à¤¾à¤™à¥à¤—ी विकास के कारण राषà¥à¤Ÿà¥à¤° का समà¥à¤ªà¥‚रà¥à¤£ विकास नहीं हो पा रहा है और हम आज फिर से विशà¥à¤µà¤—à¥à¤°à¥ बनने से वञà¥à¤šà¤¿à¤¤ रह गठहैं। à¤à¤¾à¤°à¤¤ सरकार ने इसलिठराषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤¿à¤¯ शिकà¥à¤·à¤¾ नीति २०२० में पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ जà¥à¤žà¤¾à¤¨ परंपरा के आलोक में विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ विषयों के अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ अधà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¨ à¤à¤µà¤‚ अनà¥à¤¸à¤‚धान पर विशेष बल दिठजाने की बात कही है। इसलिठआज योग को शिकà¥à¤·à¤¾ के सà¤à¥€ सà¥à¤¤à¤°à¥‹à¤‚ पर सैदà¥à¤§à¤¾à¤¨à¥à¤¤à¤¿à¤• à¤à¤µà¤‚ वà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤¹à¤¾à¤°à¤¿à¤• रूप से अनà¥à¤ªà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— में लाने की जरूरत है ताकि मानव के समà¥à¤ªà¥‚रà¥à¤£ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ विकास की अवधारणा को पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ किया जा सके। योग के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ छातà¥à¤°à¥‹à¤‚ को मृतà¥à¤¯à¥ से अमरतà¥à¤µ, अजà¥à¤žà¤¾à¤¨ से यथारà¥à¤¥ जà¥à¤žà¤¾à¤¨, अनà¥à¤§à¤•à¤¾à¤° से आलौकिक पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ की ओर ले जाया जा सकता है। योग के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ ही मानव में शारीरिक, मानसिक à¤à¤µà¤‚ आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• शकà¥à¤¤à¤¿ का समà¥à¤ªà¥‚रà¥à¤£ सञà¥à¤šà¤¾à¤° किया जा सकता है जिससे न केवल वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ का बलà¥à¤•à¤¿ समà¥à¤ªà¥‚रà¥à¤£ राषà¥à¤Ÿà¥à¤° का शाशà¥à¤µà¤¤ विकास समà¥à¤à¤µ हो सकेगा।
Pages: 60-66 | Views: 595 | Downloads: 175Download Full Article: Click Here
How to cite this article:
डॉ. पà¥à¤°à¤¦à¥€à¤ª कà¥à¤®à¤¾à¤° à¤à¤¾. वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤¤à¥à¤µ विकास के लिठयोगशिकà¥à¤·à¤¾. Int J Literacy Educ 2022;2(2):60-66.