International Journal of Literacy and Education
2022, Vol. 2, Issue 2, Part B
संवेगातà¥à¤®à¤• बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿ के संदरà¥à¤ में विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की सृजनातà¥à¤®à¤•ता à¤à¤µà¤‚ शैकà¥à¤·à¤¿à¤• उपलबà¥à¤§à¤¿ का अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨
Author(s): डॉ. पà¥à¤°à¤µà¥€à¤£ कà¥à¤®à¤¾à¤° सिंह, मनीष कà¥à¤®à¤¾à¤° पासवान
Abstract: यह अतà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤¶à¥à¤¯à¤• है कि विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¥€ के सरà¥à¤µà¤¾à¤‚गीण विकास हेतॠमनोवैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤• कारकों से शिकà¥à¤·à¤• परिचित हों। विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ मनोवैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤• कारक à¤à¤• दूसरे को किसी न किसी पà¥à¤°à¤•ार से पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ करतेहैं। पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ शोध में संवेगातà¥à¤®à¤• बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿ का सृजनातà¥à¤®à¤•ता à¤à¤µà¤‚ शैकà¥à¤·à¤¿à¤• उपलबà¥à¤§à¤¿ पर पड़ने वाले पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ को जानने का पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ किया गया है। शोध से पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ निषà¥à¤•रà¥à¤·à¥‹ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° संवेगातà¥à¤®à¤• बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿ का सृजनातà¥à¤®à¤•ता पर धनातà¥à¤®à¤• पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ पाया गया है। यदि किसी छातà¥à¤° में संवेगातà¥à¤®à¤• बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿ अधिक हो तो उसे सृजनातà¥à¤®à¤• कारà¥à¤¯à¥‹à¤‚ की ओर पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤¿à¤¤ किया जा सकता है। उसी पà¥à¤°à¤•ार संवेगातà¥à¤®à¤• बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿ और शैकà¥à¤·à¤¿à¤• उपलबà¥à¤§à¤¿ में à¤à¥€ धनातà¥à¤®à¤• सह-संबंध पाया गया। यदि किसी उचà¥à¤š संवेगातà¥à¤®à¤• बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿ वाले विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¥€ की शैकà¥à¤·à¤¿à¤• उपलबà¥à¤§à¤¿ संतोषपà¥à¤°à¤¦ न हो तो संà¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ कारणों का पता लगाकर तथा संवेगातà¥à¤®à¤• बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿ के विकास दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ समसà¥à¤¯à¤¾ का समाधान किया जा सकता है।
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डॉ. पà¥à¤°à¤µà¥€à¤£ कà¥à¤®à¤¾à¤° सिंह, मनीष कà¥à¤®à¤¾à¤° पासवान. संवेगातà¥à¤®à¤• बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿ के संदरà¥à¤ में विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की सृजनातà¥à¤®à¤•ता à¤à¤µà¤‚ शैकà¥à¤·à¤¿à¤• उपलबà¥à¤§à¤¿ का अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨. Int J Literacy Educ 2022;2(2):107-110.