International Journal of Literacy and Education
2023, Vol. 3, Issue 1, Part A
दलित विमरà¥à¤¶ और शिकà¥à¤·à¤£- शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥€à¤¯ समसà¥à¤¯à¤¾à¤à¤
Author(s): हेमलता
Abstract: à¤à¤¾à¤°à¤¤ के आधà¥à¤¨à¤¿à¤• राषà¥à¤Ÿà¥à¤° बनने और कà¥à¤› बà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾à¤¦à¥€ तरà¥à¤•à¥‹à¤‚ में समानता, सà¥à¤µà¤¾à¤¯à¤¤à¥à¤¤à¤¤à¤¾ और बहस-मà¥à¤¬à¤¾à¤¹à¤¿à¤¸à¤¾ को अपनाया गया। परनà¥à¤¤à¥ इसी के दूसरे तरफ जिनà¥à¤¦à¤—ी का à¤à¤• बड़ा हिसà¥à¤¸à¤¾ à¤à¤¸à¤¾ है जो राषà¥à¤Ÿà¥à¤° के इन बà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾à¤¦à¥€ सरोकारों से कमोवेश बाहर ही रह गया। सà¤à¥€ तरह के विमरà¥à¤¶à¥‹à¤‚ में यह सवाल पà¥à¤°à¤®à¥à¤– रहा कि उतà¥à¤ªà¥€à¤¡à¤¼à¤¿à¤¤à¥‹à¤‚ के संघरà¥à¤· को नया संवाद दें, उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ विशà¥à¤µ पटल पर उà¤à¤¾à¤°à¥‡ तथा उनके चिनà¥à¤¤à¤¨ से पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ लेकर नठइतिहास रचे जाà¤à¥¤ आधà¥à¤¨à¤¿à¤•à¤¤à¤¾ से पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ पाने वाले वंचित तबके जो कि सामाजिक-सांसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• सà¥à¤¤à¤°à¥‹à¤‚ पर पीड़ित हैं, उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ इस पीड़ा से उबारा जाà¤à¥¤ शिकà¥à¤·à¤¾ से लेकर सतà¥à¤¤à¤¾ तक à¤à¤• खास सांसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• वरà¥à¤šà¤¸à¥à¤µ ने चीजों को देखने सोचने से लेकर मारा अंदाज अपनी ही लाà¤à¤•à¤¾à¤°à¥€ सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के अनà¥à¤°à¥‚प रखा। विकास की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾à¤“ं à¤à¤µà¤‚ पैमानों को धता बताते हà¥à¤ आज उस वरà¥à¤šà¤¸à¥à¤µ को चà¥à¤¨à¥Œà¤¤à¥€ मिलना शà¥à¤°à¥‚ हà¥à¤ˆ है। समाज की कोई शाशà¥à¤µà¤¤ दशा-दिशा नहीं है। अब उसमें सपाट नागरिक बनाने में दिकà¥à¤•à¤¤à¥‡à¤‚ आती है। ये दिकà¥à¤•à¤¤à¥‡à¤‚ इन आवाजों से पैदा होती है जो हाशिठपर गूंजती है। इस लेख में कà¥à¤› à¤à¤¸à¥‡ ही चिंतनीय पà¥à¤°à¤¶à¤¨ उठाठगà¤à¤ हैं|
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हेमलता. दलित विमरà¥à¤¶ और शिकà¥à¤·à¤£- शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥€à¤¯ समसà¥à¤¯à¤¾à¤à¤. Int J Literacy Educ 2023;3(1):12-14.