International Journal of Literacy and Education
2023, Vol. 3, Issue 1, Part B
सामाजिक समावेशनः आवश्यकताएँ, चुनौतियाँ एवं समाधान
Author(s): सरिता
Abstract: भारतीय समाज एक विविधतापूर्ण समाज रहा है जिसमें परम्परागत रूप से सामाजिक स्तरीकरण पाया जाता है। हमारे समाज के कुछ वर्ग ऐसे हैं जो अभी भी वंचित हैं, जिनकी सामाजिक गतिविधियों में पर्याप्त भागीदारी नहीं है। वे अभी भी स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूर्ण होने के उपरांत भी प्रमुख सामाजिक गतिविधियों से मौटे रूप से बर्हिवेशित हैं। समाज में इन वंचित वर्गों की समुचित भागीदारी इन वर्गों के व्यक्तियों के स्वयं के विकास एवं साथ ही साथ देश के विकास एवं सशक्तीकरण के लिए अत्यावश्यक है। लेकिन इन वंचित वर्गों के समुचित सामाजिक समावेशन की दिशा में बहुत सी चुनौतियाँ हैं। इन चुनौतीयों से कैसे निपटा जाए, इस संबंध में इस लेख में समाधान भी सुझाए गए हैं। इस लेख में सामाजिक समावेशन के अर्थ, उसकी आवश्यकताओं, चुनौतीयों एवं समाधान पर विमर्श किया गया है।
Pages: 109-112 | Views: 181 | Downloads: 62Download Full Article: Click HereHow to cite this article:
सरिता. सामाजिक समावेशनः आवश्यकताएँ, चुनौतियाँ एवं समाधान. Int J Literacy Educ 2023;3(1):109-112.