International Journal of Literacy and Education
2024, Vol. 4, Issue 2, Part A
लक्ष्य प्राप्ति के मापन का आधारः उपलब्धि परीक्षण
Author(s): डाॅ. मनोहर कुमार
Abstract: प्रत्येक मनुष्य का मानसिक विकास वातावरण (Atmosphere), सामाजिक स्थिति (Social Status), वंशानुक्रम (Heridity), परिवार (Family), स्वास्थ्य (Health), विद्यालय (School), शिक्षक (Teacher) आदि के साथ की गयी अंतः क्रियाओं ;प्दजमतंबजपवदेद्ध का परिणाम होता है। फलस्वरूप प्रत्येक व्यक्ति में वैयक्तिक विभिन्नताओं (Individual differences) का होना स्वाभाविक हैं। शहरी क्षेत्र के विद्यार्थियों की गणित की शैक्षिक उपलब्धि ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों की गणित की शैक्षिक उपलब्धि से श्रेष्ठ है। इसके साथ ही साथ शहरी क्षेत्र के विद्यार्थियों की बुद्धि भी ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों की बुद्धि से श्रेष्ठ है। स्कीनर (1964) एवं त्रिपाठी (1993) ने विज्ञान की शैक्षिक उपलब्धि में शहरी विद्यार्थियों को ग्रामीण विद्यार्थियों की अपेक्षा उच्च बताया जबकि ललीथामा (1980), राव (1983), नागालक्ष्मी (1996) एवं पल्लवी (2006) ने गणित की शैक्षिक उपलब्धि में ग्रामीण विद्यार्थियों की अपेक्षा शहरी विद्यार्थियों को ही उच्च पाया। जो हमारे द्वारा प्राप्त निष्कर्ष की पुष्टि करते हैं।लैंगिक स्तर पर शहरी बालक और बालिकाओं की बुद्धि का स्तर समान है तथा गणित की शैक्षिक उपलब्धि में बालिकाएं, बालकों से श्रेष्ठ हैं।लैंगिक स्तर पर ग्रामीण बालक और बालिकाओं की बुद्धि का स्तर समान है गणित की विषयों की शैक्षिक उपलब्धि में बालक, बालिकाओं से श्रेष्ठ है। शहरी क्षेत्र के गैर-सरकारी विद्यालय के बालकों की गणित विषयों की शैक्षिक उपलब्धि सरकारी विद्यालय के बालकों से अच्छी एवं श्रेष्ठ है।
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How to cite this article:
डाॅ. मनोहर कुमार. लक्ष्य प्राप्ति के मापन का आधारः उपलब्धि परीक्षण. Int J Literacy Educ 2024;4(2):04-08.