International Journal of Literacy and Education
2024, Vol. 4, Issue 2, Part A
सीधी जिले में अनुसूचित जनजाति वर्ग के बालिकाओं की शैक्षिक स्थिति की समस्याओं का अध्ययन
Author(s): सूरज कुमार पनिका, डाॅं. गार्गी सिंह
Abstract: इस शोध पत्र के द्वारा अनुसूचित जनजाति वर्ग के बालिकाओं की शैक्षिक स्थिति की समस्याओं का अध्ययन किया गया है। अनुसूचित जनजाति महिलाओं को सशक्त बनाने का एक मात्र साधन शिक्षा ही है क्यांेकि शिक्षा महिलाओं की अज्ञानता को दूर करके उनमंे ज्ञान की ज्योति प्रज्जवलित करने का एक बहुत प्रभावी शस्त्र है। जिसकी शुरूआत प्राथमिक शिक्षा द्वारा की जा सकती है। जहाँ पर बालिकाओं को 6 वर्ष से 14 वर्ष की आयु तक निशुल्क शिक्षा प्रदान की जाती है। अतः शिक्षा के द्वारा ही अंधविश्वास तथा रूढ़ियों जैसे बाल विवाह, अनमोल विवाह, दहेज प्रथा आदि कुरीतियों को दूर करने का ज्ञान प्राप्त है। शिक्षा जनजाति महिलाआंे को अपने हित एवं अहित का भी ज्ञान दिलाता है तथा निर्णय लेने के लिए सक्षम, बनाता है। शिक्षा महिला को आजीविका कमाने पुरूषो की तरह कार्य करके आत्म निर्भर बनाने में एवं स्वाभीमान बनाने मंे महत्वपूर्ण योगदान देती है। जिससे उन्हें समाज मंे सम्मान मिलता है। शिक्षा महिलाआंे को अपने पारिवारिक दायित्वों को भलि भांति निभाने में सहायता करती है। अतः शिक्षा ही वह साधन है जो एक महिला को अपने परिवार, समाज, और राष्ट्र के प्रति अपने उत्तरदायित्वों को निभाने में उसे सक्षम बनाती है। शोध क्षेत्र के अनुसूचित जनजाति वर्ग के बालिकाओं की शैक्षिक स्थिति को आर्थिक एवं रूढ़िवादिता की समस्या प्रभावित कर रही है।
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How to cite this article:
सूरज कुमार पनिका, डाॅं. गार्गी सिंह. सीधी जिले में अनुसूचित जनजाति वर्ग के बालिकाओं की शैक्षिक स्थिति की समस्याओं का अध्ययन. Int J Literacy Educ 2024;4(2):09-13.