International Journal of Literacy and Education
2025, Vol. 5, Issue 1, Part E
उच्चतर माध्यमिक विद्यार्थियों के वैज्ञानिक दृष्टिकोण एवं सृजनात्मक विकास हेतु निर्देशात्मक नीतियों के प्रभाव का अध्ययन
Author(s): गोपाल कृष्ण कुमार, यशपाल सिंह
Abstract: यह शोध उच्चतर माध्यमिक विद्यार्थियों के वैज्ञानिक दृष्टिकोण एवं सृजनात्मक विकास हेतु निर्देशात्मक नीतियों के प्रभाव का अध्ययन झारखंड राज्य के संथाल परगना प्रमंडल के आदिवासी छात्रों के विशेष संदर्भ में केंद्रित है। अध्ययन का उद्देश्य विभिन्न निर्देशात्मक नीतियों जैसे कि गतिविधि-आधारित शिक्षण, सहायक शिक्षण विधियाँ, मस्तिष्क-आधारित शिक्षण, तथा परियोजना कार्य-आधारित शिक्षण के माध्यम से छात्रों के वैज्ञानिक दृष्टिकोण एवं सृजनात्मक विकास पर पड़ने वाले प्रभावों का विश्लेषण करना है। अध्ययन में झारखंड राज्य के संथाल परगना संभाग के आदिवासी छात्र है। लक्षित आबादी में क्षेत्र के सरकारी स्कूलों में कक्षा 11 और 12 में नामांकित छात्र शामिल हैं। पर विशेष ध्यान देते हुए उच्चतर माध्यमिक छात्रों के वैज्ञानिक दृष्टिकोण और रचनात्मक विकास पर शिक्षण नीतियों के प्रभाव की जांच करने के लिए एक वर्णनात्मक-सह-अन्वेषणात्मक शोध डिजाइन का उपयोग किया गया है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण मापन एवं सृजनात्मकता परीक्षण के माध्यम से डेटा एकत्रित किया गया, जिसका सांख्यिकीय विश्लेषण ज-परीक्षण एवं सहसंबंधीय विश्लेषण द्वारा किया गया। अध्ययन के निष्कर्षों से यह स्पष्ट हुआ कि निर्देशात्मक नीतियाँ, विशेषकर मस्तिष्क-आधारित एवं गतिविधि-आधारित शिक्षण, छात्रों के वैज्ञानिक दृष्टिकोण एवं सृजनात्मक विकास को सकारात्मक रूप से प्रभावित करती हैं। यह शोध शिक्षा नीति-निर्माताओं, शिक्षक-प्रशिक्षकों एवं पाठ्यक्रम निर्माताओं को आदिवासी क्षेत्रों में प्रभावी शिक्षण रणनीतियाँ अपनाने हेतु उपयोगी मार्गदर्शन प्रदान करता है।
DOI: 10.22271/27891607.2025.v5.i1e.291Pages: 354-359 | Views: 70 | Downloads: 30Download Full Article: Click Here
How to cite this article:
गोपाल कृष्ण कुमार, यशपाल सिंह.
उच्चतर माध्यमिक विद्यार्थियों के वैज्ञानिक दृष्टिकोण एवं सृजनात्मक विकास हेतु निर्देशात्मक नीतियों के प्रभाव का अध्ययन. Int J Literacy Educ 2025;5(1):354-359. DOI:
10.22271/27891607.2025.v5.i1e.291