International Journal of Literacy and Education
2025, Vol. 5, Issue 1, Part F
आईटीईपी में लैंगिक समानता और समावेशन: शिक्षक तैयारी में समानता
Author(s): शक्ति शर्मा
Abstract: शिक्षा समाज की नींव होती है, और शिक्षक उस नींव के निर्माता। जब हम भविष्य की पीढ़ियों को गढ़ने की बात करते हैं, तो यह ज़रूरी हो जाता है कि शिक्षक स्वयं उन मूल्यों और सिद्धांतों से लैस हों जो एक समावेशी, न्यायसंगत और समानतापूर्ण समाज की रचना कर सकें। समावेशी और समानतापूर्ण समाज की कल्पना में शिक्षा प्रणाली और विशेषकर शिक्षक तैयारी कार्यक्रम की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाती है। भारत सरकार द्वारा प्रस्तावित एकीकृत शिक्षक शिक्षा कार्यक्रम (ITEP) शिक्षकों को 21वीं सदी के लिए तैयार करने की दिशा में एक क्रांतिकारी पहल है। इसके द्वारा शिक्षक अपने विषय में गहराई से ज्ञान प्राप्त करते हैं और उन्हें छात्रों को बेहतर तरीके से पढ़ाने के लिए आवश्यक शिक्षण कौशल प्राप्त होता हैं। इससे छात्रों को ऐसी शिक्षा मिलेगी जो न केवल किताबी ज्ञान तक सीमित हो, बल्कि उन्हें व्यावहारिक और सामाजिक दृष्टिकोण से भी मजबूत बनाए। लेकिन यदि इस कार्यक्रम में gender sensitization और inclusion को समुचित स्थान नहीं दिया गया, तो हम आने वाले समय में भी भेदभाव, असमानता और बहिष्करण की ही पुनरावृत्ति करेंगे। प्रस्तुत प्रपत्र "आईटीईपी में लैंगिक समानता और समावेशन को केंद्र में रखते हुए शिक्षक तैयारी में समानता को किस प्रकार प्राथमिकता दी जाए" पर केंद्रित है। वास्तव में शिक्षक प्रशिक्षण में लिंग और समावेशन से संबंधित मुद्दों को सम्मिलित कर एक अधिक समानतापूर्ण और न्यायसंगत शिक्षण तंत्र की स्थापना की जा सकती है जिससे शिक्षा प्रणाली सभी छात्रों के लिए न्यायसंगत, संवेदनशील और सशक्त हो।
Pages: 438-443 | Views: 474 | Downloads: 105Download Full Article: Click Here
How to cite this article:
शक्ति शर्मा. आईटीईपी में लैंगिक समानता और समावेशन: शिक्षक तैयारी में समानता. Int J Literacy Educ 2025;5(1):438-443.