International Journal of Literacy and Education
2023, Vol. 3, Issue 1, Part D
रीवा जिले में प्राथमिक स्तर पर शासकीय तथा अशासकीय विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के शैक्षिक अभिवृत्ति का तुलनात्मक अध्ययन
Author(s): सुबेदार सिंह यादव, डॉ. पी. एन. मिश्रा
Abstract: प्राचीन काल में शिक्षकों का स्थान सर्वोपरि माना जाता था, शिक्षण करना शिक्षकों का व्यवसाय नहीं अपितु जीवन का एक प्रमुख एवं पवित्र लक्ष्य हुआ करता था, शिक्षा जिससे किसी भी राष्ट्र का निर्माण होता है, और विकास होता है, हमारा देश जो कभी विश्व गुरु था, सभी विद्याओं में अग्रणी हुआ करता था। प्राथमिक शिक्षा को समुचित शिक्षा प्रणाली की रीढ़ की हड्डी के समान माना जाता है। प्राथमिक शिक्षा राष्ट्र की तकनीकी तथा सांस्कृतिक जीवन पर विशेष प्रभाव डालती है, यह शिक्षा, नवयुवकों को शिक्षित करती है, जो किसी भी राष्ट्र के सामाजिक निर्माण तथा आर्थिक विकास में प्रभावशाली हो सकती है । ऐसी स्थिति में प्राथमिक स्तर के शिक्षकों की भूमिका के निर्वाह की अनिवार्यता स्वत: ही स्पष्ट हो जाती है, शिक्षकों की भूमिका निर्वाह प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष रूप से उनके शिक्षण कार्य के प्रति अभिवृत्ति पर निर्भर हुआ करती है। प्राथमिक शिक्षा की न्यू को और मजबूत बनाने के लिए शिक्षकों द्वारा पाठ योजना तैयार कर उसके अनुसार अध्यापन कार्य कराया जाए, प्राचार्य व प्रधानाचार्य द्वारा स्वयं अध्यापन कार्य भी करने का प्रयास किया जाए।
Pages: 208-211 | Views: 83 | Downloads: 46Download Full Article: Click HereHow to cite this article:
सुबेदार सिंह यादव, डॉ. पी. एन. मिश्रा. रीवा जिले में प्राथमिक स्तर पर शासकीय तथा अशासकीय विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के शैक्षिक अभिवृत्ति का तुलनात्मक अध्ययन. Int J Literacy Educ 2023;3(1):208-211.